त्यागो तुम पश्चाति सभ्यता अपनाओ अपनी संस्कृति और परंपरा! त्यागो तुम पश्चाति सभ्यता अपनाओ अपनी संस्कृति और परंपरा!
आजकल पश्चिमी सभ्यता जोर पकड़ रही है. आजकल पश्चिमी सभ्यता जोर पकड़ रही है.
पश्चिमी हो रहे, भारतीयता खो रहे , और हम खड़े खड़े निर्लज्ज से पड़े रहे, माँ की आबर पश्चिमी हो रहे, भारतीयता खो रहे , और हम खड़े खड़े निर्लज्ज से पड़े रहे...
खुद को सभ्य दिखाते हो, सच में तो हमसे ज्यादा जंगली हो... खुद को सभ्य दिखाते हो, सच में तो हमसे ज्यादा जंगली हो...
न सत्य असत्य, न हित परहित, निज संस्कृति हम दे रहे छोड़। न सत्य असत्य, न हित परहित, निज संस्कृति हम दे रहे छोड़।
विभिन्न नामों से मैं पुकारी जाती हूँ, कभी कहीं मैं देवी रूप में पूजी जाती हूँ विभिन्न नामों से मैं पुकारी जाती हूँ, कभी कहीं मैं देवी रूप में पूजी जाती ...